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परवेज़ खान का मत्स्य फार्म बना राज्य के लिए आदर्श मॉडल, प्रमुख सचिव ने की सराहना


परवेज़ खान का मत्स्य फार्म बना राज्य के लिए आदर्श मॉडल, प्रमुख सचिव ने की सराहना

युवाओं से आह्वान: ऐसे नवाचार अपनाकर बढ़ाएं रोजगार, बनाएं प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश शासन के पशुधन, दुग्ध एवं मत्स्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने शनिवार को देवा ब्लॉक के मिश्रीपुर स्थित परवेज़ खान के देवा फिशरीज का निरीक्षण किया। टैंक आधारित मत्स्य पालन के इस अत्याधुनिक मॉडल को देखकर प्रमुख सचिव न केवल प्रसन्न हुए बल्कि उन्होंने इसे पूरे प्रदेश और देश के लिए अनुकरणीय बताया।

निरीक्षण के दौरान मत्स्य निदेशक ए.एस. रहमानी, डिप्टी डायरेक्टर बिष्ट, एडीएफ बाराबंकी अच्छे लाल, निदेशक परवेज़ खान, शाहिद समेत बड़ी संख्या में मत्स्य पालक उपस्थित रहे। प्रमुख सचिव ने टैंकों की बनावट, फीडिंग पद्धति और उत्पादन क्षमता की विस्तार से जानकारी ली।

प्रमुख सचिव घोष ने कहा - एक ऐसा केंद्र, जो सैकड़ों परिवारों का रोजगार बन रहा है। यह न सिर्फ प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्पद मॉडल है।

उन्होंने कहा कि हर जिले में इस प्रकार के केंद्र विकसित किए जाने चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग व शासन स्तर पर योजनाएं तैयार की जानी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान सिद्धार्थनगर से आए मत्स्य पालकों मसूद अहमद व आमिर से भी प्रमुख सचिव ने बात की और उनके अनुभवों को जाना। फार्म पर मौजूद लोगों ने बताया कि परवेज़ खान पिछले 12 वर्षों से मत्स्य पालन कर रहे हैं और उनके पास कुल 38 टैंक हैं, जिनमें प्रतिवर्ष 900 से 1000 क्विंटल मछली उत्पादन होता है। एक टैंक में औसतन 7000 मछलियां डाली जाती हैं। उनके नवाचारी मॉडल को लेकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है।

निरीक्षण के उपरांत प्रमुख सचिव ने मुजीबपुर स्थित देवा फीड्स फैक्ट्री का भी दौरा किया और परवेज़ खान के कार्यों की पुनः सराहना की। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे भी इस प्रकार के स्वावलंबी मॉडल अपनाकर न केवल रोजगार सृजन करें, बल्कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दें।

परवेज़ खान का यह फार्म अब महज़ एक मत्स्य पालन केंद्र नहीं, बल्कि एक आदर्श और प्रेरणास्पद मिसाल बन गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की राह को और सशक्त करता है।


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