ज़ैदपुर, 22 मुहर्रम। करबला ज़ैदपुर में मुहर्रम की 22 तारीख को मातमी दस्ता ज़ैदपुर की ओर से यौमे अली अकबर अ.स. के अवसर पर एक मजलिस और मातमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम इमाम हुसैन अ.स. के साहसी पुत्र हज़रत अली अकबर अ.स. की शहादत की याद में आयोजित किया गया, जिनकी करबला के युद्ध में दी गई कुर्बानी आज भी वीरता, सब्र और बलिदान की मिसाल मानी जाती है।
कार्यक्रम की शुरुआत क़ारी मौलाना नकी अब्बास साहब द्वारा पवित्र कुरआन की तिलावत से की गई। इसके बाद इबादत महदी और उनके साथियों ने सोज़ प्रस्तुत किया। फिर ज़रग़ाम ज़ैदपुरी और मक़ासिद महदी मक्की ज़ैदपुरी ने अपनी भावनाओं से भरे कलाम पेश किए, जिनमें हज़रत अली अकबर अ.स. की वीरता और शहादत का वर्णन किया गया।
इस आयोजन का संचालन मौलाना अहमद रज़ा बिजनौरी साहब ने किया, जबकि मजलिस को मौलाना सय्यद इमाम हैदर ज़ैदी साहब ने संबोधित किया। उन्होंने हज़रत अली अकबर अ.स. के बलिदान की घटनाओं को विस्तार से बयान किया, जिससे उपस्थित जनसमूह भावुक हो गया।
मजलिस के पश्चात मातमी दस्ता ज़ैदपुर द्वारा हज़रत अली अकबर अ.स. का प्रतीकात्मक ताबूत निकाला गया। इसके बाद अन्य नगरों से आई अंजुमनों ने नौहा खानी और सीना-ज़नी ( मातम) किया। शामिल अंजुमनों में अंजुमन ज़ीनतुल अज़ा (आलमपुर), अंजुमन हैदरिया (मनिहारपुर, सुल्तानपुर) और अंजुमन दुआ-ए-ज़हरा (मुज़फ्फरनगर) प्रमुख रहीं। इन अंजुमनों ने अपने विशिष्ट अंदाज़ में नौहा पढ़ा।
इस भावपूर्ण कार्यक्रम में ज़ैदपुर ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और धर्मगुरु शामिल हुए। पूरा वातावरण शोक, श्रद्धा और सम्मान से भरा हुआ था।
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