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शिक्षकों की गरजती आवाज़ : “गांव के बच्चों से न छीना जाए शिक्षा का अधिकार”

पेयरिंग नीति के विरोध में शिक्षक संघ सड़कों पर, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

“गांव के बच्चों से न छीना जाए शिक्षा का अधिकार”—शिक्षकों की गरजती आवाज

बाराबंकी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जनपद बाराबंकी ने प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित परिषदीय विद्यालयों की पेयरिंग नीति को लेकर बड़ा विरोध जताया है। सोमवार को शिक्षक संघ ने जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन प्रेषित किया। विधान परिषद सदस्य अंगद सिंह एवं जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में संघ ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यह नीति छात्रों, शिक्षकों और गांवों—तीनों के लिए घातक सिद्ध होगी।

क्या है विवादित पेयरिंग नीति ?

प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित नीति के अनुसार 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय किया जाएगा। इसका उद्देश्य संसाधनों का एकीकरण और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार बताया जा रहा है। लेकिन शिक्षक संगठनों का तर्क है कि यह नीति गांव के बच्चों के मौलिक शिक्षा अधिकार और शिक्षकों के पद दोनों को खतरे में डालती है।

शिक्षक संघ ने जताया कड़ा विरोध

ज्ञापन में शिक्षक संघ ने कहा कि

ग्रामीण अंचलों में पहले से ही बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, ऐसे में स्कूलों का विलय उन्हें और अधिक दूर कर देगा। नजदीकी विद्यालयों में भेजे गए बच्चों को स्कूल जाने में दूरी, सुरक्षा, संसाधनों की कमी और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। शिक्षकों के पदों में कटौती तय है, जिससे बेरोजगारी और कार्यभार दोनों बढ़ेंगे।

शिक्षक नेताओं की आवाज

डॉ. राकेश सिंह ने कहा कि हम बच्चों को उनके ही गांव में पढ़ाना चाहते हैं, न कि शहर या कस्बों की ओर धकेलना। यह पेयरिंग नीति शिक्षा का केंद्रीकरण करके ग्रामीण भारत को हाशिये पर डाल रही है।

ब्लॉक अध्यक्ष शिव सागर सिंह ने कहा कि यह सिर्फ पेयरिंग नहीं, गांव की शिक्षा व्यवस्था का गला घोंटने का प्रयास है। हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।

महिला उपाध्यक्ष किरण विश्वकर्मा ने कहा कि गांव की बेटियों के लिए पास का स्कूल ही सुरक्षा है। पेयरिंग से ये बेटियां पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाएंगी।

ज्ञापन सौंपते समय ये पदाधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर जनपदीय मंत्री उमानाथ मिश्र, संगठन मंत्री अनवार अहमद, उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, ललित वर्मा, मीडिया प्रभारी जय कुमार, रवि प्रताप सिंह, हनुमंत अवस्थी, विनय शुक्ल, रजनीश प्रजापति, अयोध्या प्रसाद रावत, प्रदीप वर्मा, गुनित शर्मा सहित कई शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

प्रमुख मांगें

1. पेयरिंग नीति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।

2. ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल बंद करने की जगह और नए विद्यालय खोले जाएं।

3. शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत हर बच्चे को उसके निकटतम विद्यालय में शिक्षा पाने का अधिकार मिले।

4. शिक्षकों की संख्या में कटौती न की जाए, बल्कि रिक्त पदों पर नियुक्तियां हो।


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