जीआईएस, जीपीएस और लिडार तकनीक की जानकारी देते वैज्ञानिक
विकास की राह आसान बनाएगी रिमोट सेंसिंग तकनीक
डीएम शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में कार्यशाला सम्पन्न, वैज्ञानिकों ने दी जीआईएस, जीपीएस और लिडार तकनीक की जानकारी
बाराबंकी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे निरंतर नवाचारों का लाभ अब ज़मीनी स्तर पर विकास कार्यों में भी देखने को मिलेगा। रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा मंगलवार को जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में रिमोट सेंसिंग, जीआईएस और जीपीएस तकनीक के बहुआयामी उपयोगों की विस्तार से जानकारी दी गई।
वैज्ञानिकों ने किया डिजिटल डाटाबेस का प्रस्तुतीकरण
कार्यशाला में वरिष्ठ वैज्ञानिक अमित सिन्हा, डॉ. सुधाकर शुक्ला, परियोजना वैज्ञानिक डॉ. जय कुमार मिश्रा और हिमांशु कुमार द्वारा जनपद-स्तरीय डिजिटल डाटाबेस का प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने बताया कि विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक का उपयोग कैसे किया जा सकता है और इसके माध्यम से विकास कार्यों को कितना सटीक, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकता है।
बहुउपयोगी है यह तकनीक: कृषि से लेकर आपदा प्रबंधन तक
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह तकनीक कृषि, राजस्व, भू-संचय, जल-संचय, प्राकृतिक आपदा, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, सिंचाई, जल निगम, नलकूप, सड़क निर्माण, वन विभाग और अन्य विभागों में बेहद उपयोगी साबित हो रही है। इसके माध्यम से भुवन पोर्टल पर जाकर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
लिडार तकनीक और पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर हुई चर्चा
कार्यशाला में लिडार तकनीक (Light Detection and Ranging) के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे सटीक ऊँचाई और स्थलाकृति संबंधी डेटा तैयार किया जाता है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल (PM GatiShakti Portal) के माध्यम से विभिन्न विभागों के डाटाबेस एकीकृत किए जाने की प्रक्रिया भी साझा की।
सभी विभागों के अधिकारियों ने लिया भाग
कार्यशाला में जनपद के परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, अर्थ एवं संख्याधिकारी, उप निदेशक कृषि, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, सामाजिक वानिकी, उपायुक्त मनरेगा, जल निगम, लघु सिंचाई विभाग सहित समस्त विभागों के ज़िला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया और तकनीकी जानकारी को उपयोगी बताया।
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