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ज़ैदपुर में मनाया गया यौमे अली असगर

मोहर्रम में अली असगर की शहादत को किया याद, ज़ैदपुर में मनाया गया यौमे अली असगर

मौलाना जाबिर, मुराद रज़ा, अता मेहदी और क़मर अब्बास ने किया तकरीर, मासूमियत पर ज़ुल्म के खिलाफ उठी आवाज़

ज़ैदपुर, बाराबंकी। मोहर्रम के पहले जुमे को हज़रत अली असगर की शहादत की याद में यौमे अली असगर अकीदत और ग़म के माहौल में मनाया गया। कस्बा ज़ैदपुर स्थित वक्फ इमामबाड़ा गढ़ी जदीद ताल्लुक़दार में आयोजित मजलिस में बड़ी तादाद में अज़ादारों ने शिरकत की और कर्बला के मासूम शहीद को अश्कबार आंखों से याद किया।

इस मौके पर मौलाना जाबिर जौरासी, मौलाना मुराद रज़ा, मौलाना अता मेहदी और मौलाना क़मर अब्बास ख़ान ने कर्बला के वाक़िआ पर रौशनी डालते हुए कहा कि हज़रत अली असगर की शहादत इंसानियत के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक है। छह महीने के उस मासूम को जब पानी के लिए यज़ीद की फौज से गुहार लगाई गई, तो उसे तीर से शहीद कर दिया गया।

कार्यक्रम का संचालन सैयद कामिल रिज़वी ज़ैदपुरी ने किया। इस अवसर पर छोटे-छोटे बच्चे हरे कपड़ों में, अली असगर की याद में गले पर पट्टी बांधे, मातम करते दिखाई दिए। कार्यक्रम के माध्यम से आतंकवाद और मासूमों पर हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ एकजुटता और आवाज़ बुलंद की गई।

इसके अलावा वक्फ बुनियादिया इमामबाड़ा बड़ी सरकार, इमामबाड़ा सरकारे हुसैनी, इमामबाड़ा मीर ऐनुल हुसैन और इमामबाड़ा मीर मुख़लिस हुसैन में भी मजलिसें आयोजित की गईं, जहां अज़ादारों ने इमाम हुसैन अ.स. और उनके परिजनों की कुर्बानियों को याद किया। मोहर्रम के इन पहले दस दिनों में कर्बला की याद में पूरी फिज़ा ग़मगीन है।


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