ज़ैदपुर में मुहर्रम की पहली तारीख पर मजलिस-ए-अज़ा का एहतेमाम, करबला की कुर्बानियों को किया गया याद
मजलिस-ए-अज़ा का आयोजन, मौलाना ने किया इमाम हुसैन (अ.स) की शहादत का ज़िक्र
ज़ैदपुर बाराबंकी। मुहर्रम के महीने की पहली तारीख को मज़ार सैयद ज़ैद ' रह' (दादा ) में मजलिस-ए-अज़ा का एहतमाम किया गया।
इस मौके पर बड़ी तादाद में अज़ादारों ने शिरकत की और इमाम हुसैन (अ.स) व शोहदाए करबला को पुरसा दिया।
मजलिस की शुरुआत तिलावत-ए-कुरआन पाक से हुई, जिसके बाद मनकबत और नौहा खानी का सिलसिला चला। नामवर शायरों और नौहा ख्वानों ने करबला के शहीदों की याद में अपने कलाम पेश किए, जिससे माहौल ग़मगीन हो गया।
मौलाना सैयद जौहर अब्बास साहब ने मजलिस को खिताब किया। उन्होंने इमाम हुसैन (अ.स) की कुर्बानी, करबला के हालात, और इस्लामी उसूलों की हिफाजत के लिए की गई जद्दोजहद पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि “करबला सिर्फ ग़म का नाम नहीं, बल्कि इंसाफ, इंसानियत और हक़ की बुलंदी का पैग़ाम है।”
ये मजलिसे अज़ा मातमी दस्ता जैदपुर की जानिब से बरपा की गई!
इस अवसर पर मौलाना बेगम अब्बास रिजवी सभासद प्रतिनिधि सायंम मेहंदी रिजवी एडवोकेट अली गदीर रिजवी मकासिद मेहंदी रिजवी सैयद जफर हुसैन रिजवी. मौलाना राकिम सहित दर्जनों अजा दारो ने मजलिसे अज़ा में शिरकत की।
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