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संयुक्त शिक्षा निदेशक ने डीआईओएस को दिया सख्त निर्देश

बीमार परिचारक को अब तक नहीं मिली इलाज की रकम

संयुक्त शिक्षा निदेशक ने डीआईओएस को दिया सख्त निर्देश

बाराबंकी। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाराबंकी में कार्यरत परिचारक राजकुमार, गंभीर बीमारी के इलाज के लिए लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती हुए थे। इलाज के बाद प्रस्तुत किए गए कागजातों और अनुमोदनों के बावजूद अब तक उनकी मेडिकल प्रतिपूर्ति (Medical Reimbursement) की धनराशि जारी नहीं की गई है। इस विषय में अयोध्या मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेन्द्र कुमार सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक बाराबंकी (DIOS) को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

क्या है पूरा मामला?

परिचारक राजकुमार का उपचार लखनऊ के एक निजी चिकित्सालय में हुआ था। इलाज के लिए ₹47,052 की अनुमानित राशि का अनुमोदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी द्वारा किया गया था। सभी आवश्यक कागजी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद भी मेडिकल प्रतिपूर्ति की यह राशि अभी तक पीड़ित को नहीं दी गई, जिससे वह आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।

राजकुमार ने नियमानुसार सभी दस्तावेज़ और प्रमाण पत्र समय से विभाग को उपलब्ध कराए, फिर भी प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है। इस देरी को देखते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक ने डीआईओएस को पत्र जारी कर कहा है कि—“स्वीकृत चिकित्सकीय प्रतिपूर्ति का भुगतान न किया जाना न केवल नियमों के विरुद्ध है, बल्कि यह संबंधित कर्मचारी के अधिकारों का हनन भी है। अतः यह अपेक्षित है कि संबंधित परिचारक को अनुमोदित राशि का भुगतान अविलंब किया जाए।”

अधिकारियों को भेजी गई प्रति

संयुक्त निदेशक द्वारा पत्र न केवल डीआईओएस बाराबंकी को भेजा गया है, बल्कि इसकी प्रति निदेशक कोषागार उत्तर प्रदेश एवं अखिलेश कुमार शुक्ल ( जिलाध्यक्ष यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स असोसिएशन जिला बाराबंकी) को भी सूचनार्थ भेजी गई है। बताना आवश्यक है कि अखिलेश कुमार शुक्ल लगातार इस मामले की पैरवी करते रहे हैं। जिसके परिणाम अब दिख भी रहे हैं।

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