गर्मी में हाई स्ट्रोक से हो रहे कुत्ते हिंसक, बंदरों के हमले भी जारी
बाराबंकी। क्षेत्र में निराश्रित कुत्तों ( स्ट्रीट डॉग ) आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गर्मी बढ़ते ही कुत्ते हिंसक हो गए हैं और हर दिन दर्जनों लोगों को काट रहे हैं। सीएचसी बड़ागांव में रोजाना 20–25 एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, जिससे हालात की गंभीरता स्पष्ट है।
मंगलवार को मसौली, बिछलखा, बांसा, मुश्कीनगर, बिरौली, मदारपुर सहित कई गांवों के 15 से अधिक नए मरीज कुत्ता काटने के मामले में इलाज के लिए पहुंचे। कुछ मामलों में बंदरों के हमले से घायल लोग भी एंटी रैबीज लेने पहुंचे।
डॉ. कमलेश कुमार (पशु चिकित्साधिकारी, मसौली) ने बताया कि गर्मी में तेज धूप और पानी की कमी के कारण कुत्तों को हाई स्ट्रोक हो रहा है, जिससे वे पागल होकर दौड़ने लगते हैं। यह स्थिति फ्यूरियस फॉर्म कहलाती है, जिसमें कुत्ते सबसे खतरनाक होते हैं।
कुत्ता काटे तो क्या करें?
डॉ. वी. के. मौर्य (वरिष्ठ फिजीशियन, सीएचसी बड़ागांव) ने बताया:
घाव को तुरंत साफ पानी से धोएं।
लाइफबॉय जैसे साबुन से 30 मिनट तक धोना जरूरी है।
घरेलू उपायों पर भरोसा न करें।
समय पर एंटी रैबीज वैक्सीन की 4 डोज़ लगवाना बेहद जरूरी है।
पहली डोज़: 24 घंटे के भीतर
दूसरी व तीसरी डोज़: हर तीसरे दिन
चौथी डोज़: 21वें दिन
डॉ. जाकिर हुसैन ने भी यही सलाह दी कि कुत्ते की लार में मौजूद वायरस सीधे दिमाग पर असर डालते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
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