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बीट पुलिसिंग बनी बाराबंकी पुलिस का ब्रह्मास्त्र

अर्पित विजयवर्गीय (पुलिस अधीक्षक)







छोटे-छोटे विवादों को थाने पहुंचने से पहले ही किया शांत, 1289 मामलों का आपसी सहमति से निपटारा

बाराबंकी। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय द्वारा शुरू की गई बीट पुलिसिंग मुहिम रंग ला रही है। इस पहल के अंतर्गत थाना क्षेत्र को छोटे-छोटे बीट क्षेत्रों में बांटकर, बीट आरक्षियों को लोगों से जुड़ाव और निरंतर संवाद की जिम्मेदारी दी गई है।

इस प्रणाली के तहत अप्रैल 2025 से अब तक कुल 1490 बीट सूचनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 1289 मामलों का सफल निस्तारण कर लिया गया है।

क्या है बीट पुलिसिंग ?

बीट कांस्टेबल वह पहला पुलिसकर्मी होता है जो आम नागरिक से सबसे पहले संपर्क करता है। उसकी नियमित गश्त, मोहल्ला वार्ताएं, दुकानदारों, प्रधानों और स्कूलों से संवाद क्षेत्र में न सिर्फ सुरक्षा बढ़ाता है बल्कि जनता के मन में भरोसा भी जगाता है।

बीट पुलिसिंग प्रणाली में बीट आरक्षी स्थानीय विवादों को समय रहते पहचानते हैं — जैसे कि

🔸 जमीनी विवाद,

🔸 रास्ते की लड़ाई,

🔸 नाली, चबूतरा या दीवार से जुड़ी रंजिश,

🔸 पुरानी रंजिशों से उपजे तनाव,

जिसके बाद बीट सूचना दर्ज कर थाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

बाराबंकी पुलिस द्वारा प्रमुख निस्तारित प्रकरण:

🔹 जैदपुर:

मो० अल्ताफ और मो० अहमद के बीच 10 वर्षों से चल रहे पिलर विवाद को पुलिस ने बातचीत से खत्म कराया।


🔹 बदोसराय:

चकमार्ग भूमि विवाद को पैमाइश और राजस्व टीम की मदद से सुलझाया गया।


🔹 जहांगीराबाद:

लखनऊ के दो पक्षों में जमीन पर कब्जेदारी की लड़ाई थी, पुलिस व राजस्व विभाग ने मिलकर समाधान कराया।


🔹 देवा:

फूलचंद और रामचंद्र के बीच जमीन का बंटवारा कर दोनों पक्षों को 1/2-1/2 हिस्से में जमीन दी गई।


🔹 मसौली:

छज्जा लगाने को लेकर 1 साल से चल रहे विवाद को समाज के संभ्रांत व्यक्तियों की मौजूदगी में सुलझाया गया।


🔹 हैदरगढ़:

सुरेश और संतोष मिश्रा के बीच घूर रखने को लेकर उपजे तनाव को समझौते के माध्यम से खत्म किया गया।


🔹 सतरिख:

पानी की निकासी को लेकर नाली में चैंबर लगाने का विवाद, पुलिस की मध्यस्थता से समाप्त।


🔹 बड्डूपुर:

मेड़ निर्माण को लेकर हुआ विवाद, आपसी सहमति से सुलझाया गया।


एसपी अर्पित विजयवर्गीय बोले: "बीट पुलिसिंग से जनता के साथ पुलिस का रिश्ता मज़बूत हुआ है। अब लोग थाने जाने से पहले ही अपने मोहल्ले में समाधान पा लेते हैं। कानून व्यवस्था की जड़ यहीं से मजबूत होती है।"


बीट पुलिसिंग का प्रभाव:

विवादों का समय रहते समाधान

आपराधिक मामलों में गिरावट

पुलिस पर जनता का बढ़ता भरोसा

कोर्ट केसों में कमी

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