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दहेज की लालसा में टूटा एक और सपना



बाराबंकी की नवविवाहिता शिल्पा को पीट-पीटकर निकाला, FIR दर्ज

बाराबंकी। शादी के मंडप से जो रिश्ता सात वचनों पर टिका था, वह महज चंद महीनों में दहेज की आग में जलकर राख हो गया। थाना कोठी क्षेत्र की रहने वाली शिल्पा देवी ने अपने पति मनीष उर्फ पप्पू, सास, जेठ और जेठानी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाना, बाराबंकी में मुकदमा दर्ज कराया है।

शिल्पा ने बताया कि विवाह 3 मार्च 2024 को हिंदू रीति-रिवाज से हुआ था। पिता ने कर्ज लेकर लगभग 7 लाख रुपये का दहेज दिया—जिसमें मोटरसाइकिल, सोने-चांदी के गहने, डबल बेड, अलमारी, नकद आदि शामिल थे। बावजूद इसके, ससुराल वालों की मांगें खत्म नहीं हुईं।

कूलर और चेन लाओ, नहीं तो मार डालेंगे

FIR के अनुसार, शिल्पा को चौथी के बाद से ही कूलर, सोने की चेन और ₹50,000 नगद की मांग को लेकर सताया जाने लगा। 15 अक्टूबर 2024 को उसे बुरी तरह पीटकर घर से निकाल दिया गया। बाद में समझौते की कोशिश में वह वापस गई, लेकिन वहां शराबी पति की मारपीट और धमकियों ने उसकी उम्मीदों पर फिर से पानी फेर दिया।

28 मई 2025 को पति और सास मोटरसाइकिल पर मायके पहुंच गए और शिल्पा को मारते हुए जान से मारने की धमकी देकर चले गए। मामले में FIR दर्ज कर ली गई है।

"मेरी गुड़िया अब डर में जीती है"

शिल्पा की मां की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वह कहती हैं— "जब डोली सजाकर विदा किया था, सोचा था बेटी राज करेगी। पर अब हर रात डर के सपने लेकर उठती है, 'मां मुझे बचा लो!'"

गांव वालों के मुताबिक शिल्पा पढ़ी-लिखी, शांत और संस्कारी लड़की है। शादी के कुछ महीने बाद ही उसके चेहरे की मुस्कान डर में बदल गई। पंचायतों ने समझौता करवाने की कोशिश की, लेकिन "दहेज नहीं तो बहू नहीं" जैसी सोच से कुछ नहीं बदला।

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