दहेज के लालच में ली थी बहू की जान, कोर्ट ने सुनाया दस साल की सजा
दरियाबाद में पांच साल पुराने मामले में आया फैसला, दो आरोपी बरी
बाराबंकी। पांच साल पहले दरियाबाद इलाके में दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी रामचरन को दोषी करार देते हुए 10 साल की कठोर कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं, दो अन्य आरोपियों को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-37 ने ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के तहत प्रभावी पैरवी के चलते सुनाया। पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाए और गवाहों को समय से अदालत में पेश किया।
क्या है मामला ?
31 अक्तूबर 2019 को टिकैतनगर के नूरबाक निवासी जयलाल ने अपनी बेटी की मौत के बाद थाना दरियाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था और ससुरालियों ने उसे मार डाला।
पुलिस ने इस मामले में रामचरन, उसके पिता बरसाती और मां रामावती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। विवेचना के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
इनका रहा अहम योगदान
इस मामले में पैरवी करने वाले ए डी जी सी वरुण मिश्रा, मॉनीटरिंग सेल प्रभारी निरीक्षक विनोद यादव, व अन्य पुलिसकर्मियों ने साक्ष्य जुटाने और प्रभावी पैरवी में अहम भूमिका निभाई।
‘बेटी अब तुझे इंसाफ मिल गया...’ बोले पिता जयलाल, आंखों में छलक आए आंसू
अदालत के फैसले के बाद जयलाल कोर्ट परिसर में फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को तो नहीं ला सकता, लेकिन अब उसकी आत्मा को शांति मिलेगी।”
जयलाल ने बताया कि उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी थी। पुलिस ने साथ दिया, गवाह डटे रहे और अब न्याय मिला है। “मैं सभी का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरी लड़ाई को अपनी समझा।”
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