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गांव में ठगी का जाल! कई परिवार हुए शिकार



टिकैतनगर में सक्रिय 'फ्रॉड गैंग' पर शिकंजा कसने की तैयारी

बाराबंकी। टिकैतनगर क्षेत्र के जीवल गांव निवासी शौकत अली से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 95 हजार रुपये की ठगी करने और विरोध करने पर मारपीट करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर टिकैतनगर के ही शफीक और अतीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

शौकत ने बताया कि 2022 में शफीक और अतीक ने उसके बेटे हशमत अली को ओमान में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। विश्वास में लेकर आरोपियों ने 75 हजार रुपये फोन पे से और 20 हजार रुपये नकद ले लिए। साथ ही बेटे का पासपोर्ट भी रख लिया।

कई महीने बीतने के बाद भी जब बेटे को विदेश नहीं भेजा गया तो शौकत ने संपर्क किया, लेकिन आरोपी बहानेबाजी करते रहे। बताया गया कि शफीक खुद कुवैत चला गया और हशमत के बारे में कोई जवाब नहीं दिया। पासपोर्ट भी नहीं लौटाया गया और न ही रुपये।

12 मई को शौकत जब शाम करीब छह बजे पैसे मांगने आरोपियों के घर गया तो दोनों ने गालियां देते हुए मारपीट की। जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़ित का आरोप है कि उसने पहले भी कई बार थाने में प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। डर के कारण वह लंबे समय तक चुप रहा।

गांव में ठगी का रैकेट ? कई और लोग बने शिकार

जीवल गांव में विदेश भेजने के नाम पर ठगी का मामला सिर्फ एक पीड़ित तक सीमित नहीं है। गांव के ही कई अन्य लोग भी शफीक और अतीक की ठगी के शिकार हो चुके हैं।
शौकत अली की शिकायत में यह भी सामने आया है कि छेदी (पुत्र खालिक रजा), अली हुसैन (पुत्र आशिक अली), और लाल मोहम्मद (पुत्र वली अहमद) से भी नौकरी दिलाने के नाम पर रकम वसूली गई, लेकिन न तो नौकरी मिली और न ही रुपये वापस हुए।

गांव वालों का कहना है कि आरोपी पहले भरोसा जीतते हैं, फिर पैसे लेकर टालमटोल शुरू कर देते हैं। एक-दो मामलों में तो पासपोर्ट तक लौटा दिए गए, लेकिन पैसा वापस नहीं किया गया। ग्रामीणों के मुताबिक, यह दोनों मिलकर कई लोगों को निशाना बना चुके हैं और उनका यह काम लंबे समय से चल रहा है।


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